डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा, अस्पताल में भीड़ ने घुसकर की तोड़फोड़
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 14-15 अगस्त की दरम्यिानी रात भीड़ ने हिंसा की है.
जब ये डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, तब एक अज्ञात भीड़ ने अस्पताल परिसर में प्रवेश कर प्रदर्शन स्थल, वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया.
कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार ने कहा कि ये जो कुछ हुआ है वह गलत मीडिया कैंपेन की वजह से हुआ है. हालांकि, भीड़ को देर रात ही तितर-बितर कर दिया गया है.
इस बीच पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा है कि आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता ने सभी स्वीकार्य सीमाओं को लांघ दिया है.उन्होंने कहा कि हिंसा के पीछे जो लोग हैं, उन्हें 24 घंटे के अंदर पहचान कर कार्रवाई शुरू की जाए.वहीं राज्य में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि हमला करने वाले लोग टीएमसी के गुंडे थे.
हिंसा के बारे में कोलकाता पुलिस ने क्या कहा?
हिंसा के बाद मीडिया से कोलकाता पुलिस कमिश्नर विनीत कुमार ने कहा, “यहां जो कुछ हुआ है, वह गलत मीडिया कैंपेन की वजह से हुआ है. ये दुर्भावनापूर्ण मीडिया कैंपेन है.कोलकाता पुलिस ने क्या नहीं किया? इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सबकुछ किया है…हमने परिवार को सांत्वना देने की कोशिश की लेकिन अफ़वाहें फैलने लगी. मैं बहुत ग़ुस्सा हूं.”
पुलिस कमिश्नर ने कहा, “हमने कुछ भी गलत नहीं किया है लेकिन इस दुर्भावनापूर्ण मीडिया कैंपेन की वजह से कोलकाता पुलिस ने लोगों का भरोसा खो दिया. हमने कभी नहीं कहा कि मामले में केवल एक अभियुक्त है. हमने कहा कि साइंटिफिक सबूतों का इंतज़ार किया जा रहा है और इसे मिलने में समय लगता है.”
विनीत कुमार ने कहा कि केवल अफ़वाहों के आधार पर हम एक युवा पीजी के छात्र को गिरफ़्तार नहीं कर सकते हैं. मेरा ज़मीर इसकी गवाही नहीं देता.
उन्होंने कहा कि इस मामले में मीडिया की ओर से बहुत ज़्यादा दबाव है.
वो कहते हैं, “मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं कि जो हमने किया एकदम सही किया. अब इस मामले की जाँच सीबीआई कर रही है. वो निष्पक्ष जांच करेंगे. हम सीबीआई का पूरा साथ देंगे.
अभिषेक बनर्जी ने इस आरजी कर अस्पताल में भीड़ के हुड़दंग के बाद कहा कि अब गुंडागर्दी और बर्बरता ने सारी हदें पार कर दी हैं.उन्होंने ट्वीट किया, “एक जनप्रतिनिधि के रूप में मैंने अभी-अभी कोलकाता के पुलिस आयुक्त से बात की है और उनसे ये सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि आज की हिंसा के लिए ज़िम्मेदार हर एक व्यक्ति की पहचान की जाए और अगले 24 घंटे के अंदर उनपर एक्शन हो,चाहे वे किसी भी राजनीतिक दल के करीब हों. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगे जायज़ और न्यायसंगत हैं. ये बहुत बुनियादी ज़रूरतें हैं, जिनकी उम्मीद वे सरकार से कर सकते हैं. उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए.”वहीं बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने लिखा, “ममता बनर्जी ने अपने टीएमसी के गुंडों को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास एक गैर राजनीतिक प्रदर्शन में भेजा. उन्हें लगता है कि वह इस पूरी दुनिया की सबसे समझदार इंसान हैं और लोगों को ये पता नहीं चलेगा कि कैसे उन्होंने अपने गुंडों को प्रदर्शनकारियों के भेष में आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा.”शुभेंदु अधिकारी ने ये भी आरोप लगाया कि तोड़फोड़ करने वालों को पुलिस ने सुरक्षित तरीके से परिसर में घुसने दिया ताकि ये भीड़ अस्पताल परिसर में मौजूद अहम सबूतों को बर्बाद कर सके और ये सबूत सीबीआई के हाथ न लग सके.शुभेंदु अधिकारी ने ये भी कहा कि इस भीड़ ने रेज़िडेंट डॉक्टर और पीजी ट्रेनी और इंटर्नों के धरनास्थल पर जाकर मंच भी तोड़ दिया. इससे पता चलता है कि ये भीड़ टीएमसी के गुंडे थे. शुभेंदु ने कहा कि अगर कोई प्रदर्शनकारियों के समर्थन में आया था तो वह ये मंच क्यों तोड़ता?उन्होंने ये भी सवाल किया कि पूरे राज्य में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से हुआ लेकिन सिर्फ़ आरजी कर में ही हिंसा क्यों हुई?शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से जल्द हस्तक्षेप करने को कहा है. साथ ही उन्होंने सीबीआई से भी इस हिंसा का संज्ञान लेने को कहा है.