दौड़ेगी देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, 8 पैसेंजर कोच वाला बुलेट रेल का शुरू होग ट्रायल
यह ट्रेन विशेष रूप से कम दूरी के सफर के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। वर्तमान में चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में ट्रेन का इंटीग्रेशन कार्य प्रगति पर है।
इस ट्रेन में 8 पैसेंजर कोच होंगे यानी 2638 यात्री एक बार में हाइड्रोजन ट्रेन में यात्रा कर पाएंगे. इसकी स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. पहली हाइड्रोजन ट्रेन का संचालन नए साल की शुरुआती दौर पर हो सकता है जिसका कार्य तेजी से चल रहा है, यह आठ कोच वाली पैसेंजर ट्रेन होगी जिसकी रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी ,इसका डिजाइन लखनऊ के Research Design and Standards Organization केंद्र द्वारा में किया गया है| हरियाणा के 2 शहरों के बीच होगा ट्रायल,भारतीय रेलवे ने हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेन लॉन्च करने की तैयारी के साथ एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। यह अत्याधुनिक ट्रेन हरियाणा के जींद और सोनीपत रेलवे स्टेशनों के बीच जल्द ही ट्रायल रन के लिए दौड़ेगी। इस हाइड्रोजन ट्रेन का डिजाइन रेलवे की शोध, डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) द्वारा विकसित किया गया है। डिजाइन को दिसंबर 2021 में अंतिम रूप दिया गया था। इसके निर्माण पर काम तब से लगातार चल रहा है। इस ट्रेन का अंतिम ट्रायल अगले साल की पहली तिमाही में होने की संभावना है।
इस ट्रेन में 8 यात्री डिब्बे होंगे, जिनमें एक बार में 2,638 यात्री यात्रा कर सकेंगे। ट्रेन की अधिकतम गति 110 किमी/घंटा होगी। इसमें तीन डिब्बे हाइड्रोजन सिलेंडरों, ईंधन सेल कन्वर्टर्स, बैटरियों और एयर रिज़र्व के लिए होंगे। यह ट्रेन विशेष रूप से कम दूरी के सफर के लिए उपयुक्त मानी जा रही है। वर्तमान में चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में ट्रेन का इंटीग्रेशन कार्य प्रगति पर है।
हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के ईंधन सेल से उत्पन्न बिजली का उपयोग मोटर चलाने के लिए करती हैं। जर्मनी और चीन जैसे देशों ने रेल परिवहन में हाइड्रोजन ईंधन पर काम किया है, लेकिन अब तक केवल जर्मनी में एक सफल हाइड्रोजन ट्रेन परिचालित हो रही है। वहां ट्रेन में सिर्फ दो कोच हैं।