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पाकिस्तान में सुस्त पड़ी इंटरनेट की रफ़्तार, सभी ऑनलाइन काम धीमे हो गए

“हमारे क्लाइंट्स कम हो रहे हैं. ठीक है, हमें तो नुक़सान है ही लेकिन यह पैसा देश में आ रहा था. यहां लोगों का रोज़गार लगा हुआ है, असल नुक़सान तो सरकार का है.”

यह बात पाकिस्तान के शहर लाहौर में रहने वाले एक फ़्रीलांसर महताब ने इंटरनेट के बारे में अपने क्षेत्र से जुड़ी समस्याओं पर बात करते हुए बताई.

पाकिस्तान में पिछले कुछ हफ़्तों से जहां भी जाएं, एक शिकायत तो ज़रूर सुनने को मिलती है और वह यह है कि व्हाट्सऐप नहीं चल रहा, “इंटरनेट बहुत स्लो हो गया है.”

पाकिस्तान में अगर आप अपने फ़ोन से किसी को मोबाइल डेटा इस्तेमाल करते हुए व्हाट्सऐप के ज़रिए वॉइस नोट या कोई तस्वीर भेजने की कोशिश करें तो बहुत मुमकिन है कि यह अगले यूज़र तक पहुंचे ही नहीं या अगर आप उसका इंतज़ार कर रहे हैं तो यह डाउनलोड ही ना हो.पाकिस्तान की टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी इस बारे में चुप्पी साधे है और अब तक इस बारे में कोई साफ़ जवाब नहीं मिल पा रहा है.

ध्यान रहे कि इंटरनेट फ़ायरवॉल बुनियादी तौर पर किसी भी देश के केंद्रीय इंटरनेट गेटवे पर लगाई जाती है जहां से इंटरनेट अप और डाउन लिंक होता है. इस व्यवस्था को लगाने का मक़सद इंटरनेट की ट्रैफ़िक की फ़िल्ट्रेशन और निगरानी होता है.

इस व्यवस्था की मदद से वेबसाइट्स और सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर मौजूद सामग्री को कंट्रोल या ब्लॉक किया जा सकता है.

यही नहीं बल्कि फ़ायरवॉल सिस्टम की मदद से ऐसी सामग्री के स्रोत या उसकी शुरुआती जगह के बारे में भी जानकारी ली जा सकती है.

इन समस्याओं के बारे में राष्ट्रीय असेंबली की इनफ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की स्थायी समिति ने पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी (पीटीए) के अध्यक्ष मेजर जनरल (रिटायर्ड) हफ़ीज़ुर्रहमान को 21 अगस्त को कमेटी के सामने स्पष्टीकरण देने को कहा है. इसमें देशभर में सोशल मीडिया इस्तेमाल करने में आ रही परेशानी के बारे में भी जानकारी मांगी गई 

पाकिस्तान सरकार ने इंटरनेट पर और प्रतिबंध लगाए

इन सब के बीच पाकिस्तान और दुनिया भर में फ़्रीलांसिंग के लिए मशहूर प्लेटफ़ॉर्म ‘फ़ाइवर’ का एक नोट सामने आया है जिसमें पाकिस्तान में मौजूद फ़्रीलांसर की प्रोफ़ाइल पर यह लिखा गया है कि उनके देश में इंटरनेट पर बंदिशें लगी हैं, इसलिए उनकी ओर से किया गया काम देरी का शिकार हो सकता है.

यह नोट पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) की ओर से भी अपने एक्स अकाउंट के ज़रिए शेयर किया गया है और कई इनफ़्लुएंसर ने भी इसे शेयर किया है.

लेकिन बीबीसी ने ‘फ़ाइवर’ पर काम करने वाले कई फ्रीलांसरों से जब इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि यह नोट दरअसल पिछले एक साल के दौरान कई बार फ़ाइवर की ओर से पाकिस्तान में इंटरनेट की बंदिश के दौरान पोस्ट किया गया है लेकिन ऐसा इस बार नहीं किया गया है और इंटरनेट पर चलने वाला चेतावनी नोट पुराना है.

पाकिस्तान में इंटरनेट पर पाबंदी का मामला नया नहीं है और कई मौक़ों पर इसे बंद किया जा चुका है. ऐसा अक्सर सुरक्षा कारणों से किया जाता रहा है जैसे नवीं और दसवीं मुहर्रम को ऐसा किया जाता है.

लेकिन पिछले साल 9 मई के दौरान जब इमरान ख़ान को गिरफ़्तार किया गया था तो उसके बाद होने वाले हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी इंटरनेट पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में बंद रहा था.

पिछले एक साल के दौरान फ़रवरी के आम चुनाव से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ की वर्चुअल सभाओं के दौरान यह पाबंदी देखने को मिलती थी. फिर चुनाव के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देश में पाबंदी लगा दी गई थी.

लेकिन इस बार इंटरनेट की डिग्रेडेशन और व्हॉट्सऐप के इस्तेमाल में गंभीर समस्याओं ने विदेशी कंपनियों के साथ पाकिस्तान में बैठकर काम करने वालों और व्यक्तिगत क्लाइंट्स के साथ फ़्रीलांसिंग करने वालों की मुश्किलों में इज़ाफ़ा कर दिया है.

Thehindu24 News

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