महाराष्ट्र में चुने गए कई विधायकों के बीच हैं पारिवारिक रिश्ते
पिछले कुछ साल में केंद्र के साथ ही महाराष्ट्र राज्य की राजनीति कई मायनों में बदल गई है, जिसमें स्पष्ट तौर पर वंशवाद पहले से भी ज़्यादा गहरा होता दिखता है.
भले ही भारत में राजनीति लोकतंत्र के सिद्धांतों पर होती है, लेकिन राष्ट्रीय और स्थानीय राजनीति पर कुछ परिवारों का ही वर्चस्व दिखता है.
महाराष्ट्र में हुए ताज़ा विधानसभा चुनावों के बाद कई ऐसे विधायक जीतकर आए हैं, जिसने भाई-भाई, भाई-बहन, बाप-बेटे, ससुर-दामाद जैसी कई जोड़ियों के सदन में पहुँचा दिया है.
इन रिश्तों की वजह से महाराष्ट्र की नई विधानसभा की तस्वीर भी काफ़ी अलग दिखने वाली है.
महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करने वाले आंदोलनों से जुड़े तथाकथित प्रगतिशील परिवारों को अक्सर राजनीति में अहम पदों पर देखा गया है.
राज्य में एक ही परिवार की कई पीढ़ियां या कई भाई-बहन सत्ता के क़रीब भी दिखते रहे हैं.
अगर हम महाराष्ट्र में इस साल के लोकसभा और विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची पर नज़र डालें तो हम देख सकते हैं कि कई ऐसे राजनीतिक परिवार हैं, जिनके पास एक से ज़्यादा पद हैं.
महाराष्ट्र के हालिया विधानसभा चुनाव में जनता ने महायुति गठबंधन को भारी बहुमत से वोट दिया है. इन चुनावों में महाविकास अघाड़ी को तगड़ा झटका लगा है.
राज्य की 288 सीटों में से महायुति ने 230 सीटें और महाविकास अघाड़ी ने 50 सीटें जीतीं, जबकि अन्य को 8 सीटें मिली हैं.
इन आंकड़ों के पीछे किसी राजनीतिक परिवार के पास कितने राजनीतिक पद हैं; कौन, किसके रिश्तेदार हैं, यह सब हम इस ख़बर में जानने की कोशिश करेंगे.