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विमानों में बम की झूठी धमकियों से ख़ौफ़ और परेशानी, एयरलाइंस को कितना नुक़सान?

भारतीय एयरलाइंस को निशाना बनाने वाली झूठी बम धमकियों में अभूतपूर्व इज़ाफ़े से उड़ानें प्रभावित हुई हैं, विमानों का रूट बदला गया है और कुल मिलाकर एक व्यापक व्यवधान पैदा हो रहा है.

पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में यात्रियों को गर्म कपड़े पहने, एयर इंडिया के विमान की सीढ़ी से कनाडा के एक सुदूर शहर इकालुइट की ठंडी हवा में उतरते हुए देखा गया था.

मुंबई से शिकागो जा रहे इस बोइंग 777 में 211 यात्री सवार थे. बम की धमकी मिलने की वजह से 15 अक्तूबर की सुबह इस विमान का रास्ता बदल दिया गया था.विमान पर सवार हरित सचदेवा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, “हम 200 यात्रियों के साथ सुबह 5 बजे से हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं. हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है या हमें आगे क्या करना है. हम पूरी तरह से फंसे हुए हैं.”

उन्होंने हवाई अड्डे के कर्मचारियों की तो तारीफ़ की, लेकिन एयर इंडिया पर आरोप लगाया कि वो यात्रियों को पर्याप्त जानकारी नहीं दे रही है.

सचदेवा की सोशल मीडिया पोस्ट यात्रियों की हताशा और चिंता को दर्शाती है. कुछ घंटों बाद, कनाडाई वायु सेना के एक विमान ने फंसे हुए यात्रियों को शिकागो पहुंचाकर उनकी मुसीबत दूर की.

एयर इंडिया ने पुष्टि की कि “ऑनलाइन पोस्ट किए गए सुरक्षा ख़तरे” के कारण उड़ान को इकालुइट की ओर मोड़ दिया गया था.

लेकिन ये धमकी झूठी थी. इस साल अब तक भारत की एयरलाइनों को निशाना बनाने वाली ऐसी ही कई फ़र्ज़ी घटनाओं में से ये एक थी. सिर्फ़ पिछले सप्ताह ही कम से कम 30 ऐसी धमकियाँ मिलीं थीं जिनकी वजह से विमानों का रूट बदलना पड़ा या फ़्लाइट कैंसिल हुई या काफ़ी देर के बाद उड़ान भरी गई.

इस साल जून में, एक ही दिन में 41 हवाई अड्डों को ईमेल के ज़रिए बम से उड़ाने की झूठी धमकियाँ मिली थी. जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई थी.

साल 2014 और 2017 के बीच देश के विभिन्न हवाई अड्डों पर बम की अफ़वाहों के 120 अलर्ट दर्ज किए. इनमें से लगभग आधे दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े हवाई अड्डों को निशाना बनाने वाले थे. यह हाल के वर्षों में ऐसे ख़तरों की पुनरावृत्ति की प्रकृति को हाईलाइट करता है. लेकिन इस साल ऐसी धमकियों में इज़ाफ़ा सनसनीखेज़ है.

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू का कहना है, “मैं भारतीय एयरलाइनों को निशाना बनाने वाली हालिया घटनाओं से बहुत चिंतित हूं. इससे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें प्रभावित हो रही हैं. इस तरह की शरारती और ग़ैरक़ानूनी हरकतें गंभीर चिंता का विषय हैं. मैं देश के विमानन क्षेत्र की सुरक्षा और परिचालन से छेड़-छाड़ करने के प्रयासों की निंदा करता हूँ,”

क्यों हो रहा है ये सब?

भारतीय एयरलाइन
इमेज कैप्शन,भारत सबसे तेज़ी से बढ़ता एयरलाइन बाज़ार है.

विशेषज्ञों का कहना है कि एयरलाइनों को निशाना बनाने की झूठी बम धमकियाँ अक्सर दुर्भावनापूर्ण इरादे से ध्यान आकर्षित करने, मानसिक स्वास्थ्य या शरारत के मकसद से दी जाती हैं.

साल 2018 में, इंडोनेशिया में हवाई जहाज के यात्रियों द्वारा बम के बारे में मजाक उड़ाए जाने के कारण उड़ान में बाधा उत्पन्न हुई थी.

ऐसी झूठी धमकियों के लिए कई बार फ़्लाइट पर सवार लोग भी दोषी पाए गए हैं. पिछले साल दरभंगा हवाई अड्डे पर अपना चेक-इन मिस करने के बाद एक यात्री ने बम की अफवाह बताकर स्पाइसजेट की उड़ान को डिले करने की कोशिश की थी.

भारत दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता विमानन बाज़ार है. यहां ऐसी अफ़वाहें भारी नुकसान करती हैं. नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार पिछले साल भारत में 15 करोड़ से अधिक यात्रियों ने घरेलू उड़ान भरीं. देश में 33 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों सहित 150 से अधिक हवाई अड्डों से रोज़ 3,000 से अधिक उड़ानें लैंड होती हैं या उड़ान भरती हैं.

पिछले हफ़्ते ये झूठी अफ़वाहें चरम पर थी. इस दौरान भारत की एयरलाइंस पर 14 अक्टूबर को एक ही दिन में रिकॉर्ड 4,84,263 यात्री सवार हुए.

सीरियम नाम की कंसल्टेंसी के रॉब मॉरिस के अनुसार भारत में 700 से भी कम वाणिज्यिक यात्री विमान हैं और 1,700 से अधिक विमानों का ऑर्डर किया जा चुका है. मॉरिस कहते हैं, ”ये निश्चित रूप से आज भारत को सबसे तेजी से बढ़ता वाणिज्यिक विमान बाज़ार बनाता है.”

किसी एयरलाइन को बम की धमकी की चेतावनी मिलने के परिणाम गंभीर होते हैं. अगर विमान हवा में है, तो उसे निकटतम हवाई अड्डे की ओर मोड़ना पड़ता है.

ठीक वैसे ही जैसे एयर इंडिया की उड़ान जो पिछले सप्ताह कनाडा की ओर मोड़ दी गई थी या मुंबई से फ्रैंकफर्ट जाने वाली विस्तारा की उड़ान जो सितंबर में तुर्की की ओर मोड़ दी गई थी.

कुछ में ख़तरों की सूचना देने वाले विमानों को एस्कॉर्ट करने के लिए फाइटर जेट्स बुलाए जाते हैं. पिछले हफ्ते नॉरफ़ॉक के ऊपर हीथ्रो जाने वाली एयर इंडिया की उड़ान और सिंगापुर जाने वाली एयर इंडिया एक्सप्रेस के साथ ठीक ऐसा ही हुआ था.

एयरलाइंस को बम की धमकियों से यात्रियों को असुविधा होती है, जैसा कि तुर्की से विस्तारा की दूसरी उड़ान में सवार होने वाले इन यात्रियों के साथ देखा गया
इमेज कैप्शन,एयरलाइंस को बम की धमकियों से यात्रियों को असुविधा होती है. ऊपर दी गई तस्वीर में ऐसी धमकी के बाद दूसरी फ़्लाइट में सवार होते विस्तारा एयरलाइन के यात्री.

ख़तरे के बाद जब विमान लैंड होता है तो और यात्री उतर जाते हैं तो सारे सामान, कार्गो और खानपान की गहन तलाशी ली जाती है. इस प्रक्रिया में कई घंटे लग सकते हैं. इसके बाद अक्सर चालक दल ड्यूटी घंटे की सीमाओं के कारण उड़ान जारी नहीं रख सकते हैं. इसकी वजह से सारा क्रू बदलना पड़ता है, जिसके कारण और देरी हो जाती है.

एविएशन के विशेषज्ञ सिद्धार्थ कपूर कहते हैं, “इसकी वजह से लागत बढ़ जाती है. हर डाइवर्ज़न या रूट परिवर्तन या विलंबित उड़ान पर काफी खर्च होता है. ग्राउंडेड विमान घाटे का सौदा बन जाते हैं. फ़्लाइट देरी के बाद कैंसिल होती है तो सारे शेड्यूल गड़बड़ा जाते हैं.

सोशल मीडिया पर गुमनाम अकाउंट्स से बम की धमकियों में नाटकीय वृद्धि के कारण अपराधियों की पहचान करने के प्रयास जटिल हो गए हैं, खासकर तब जब ईमेल सीधे एयरलाइंस को भेजे जा रहे हैं. इन धमकियों को मकसद साफ़ नहीं हैं और ये भी नहीं मालूम कि इनके पीछे कोई एक व्यक्ति है या कोई गुट.

भारतीय विमान

पिछले हफ्ते इस तरह की धमकियाँ देने के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के आरोप में एक 17 वर्षीय लड़के को गिरफ्तार किया था. ये स्पष्ट नहीं कि उसने ऐसा क्यों किया लेकिन लेकिन माना जाता है कि इस लड़के ने चार उड़ानों को निशाना बनाया है जिनमें तीन अंतरराष्ट्रीय उड़ानें थीं. इसकी वजह से दो फ़्लाइटों में देरी हुई और एक का रूट बदला गया. इनमें एक फ़्लाइट रद्द करनी पड़ी.

कंप्यूटरों के आईपी एड्रेस ट्रेस करने के बाद जांचकर्ताओं को शक हुआ है कि ऐसी कुछ धमकियां लंदन और जर्मनी से आई होंगी.

ये साफ़ है कि ऐसी धमकियों को ट्रैक करना एक बड़ी चुनौती है. भारतीय कानून में हवाई अड्डे की सुरक्षा या सेवा में व्यवधान डालने के लिए उम्र क़ैद का प्रावधान है. लेकिन फर्जी कॉल के लिए ये एक बड़ी सज़ा है जो शायद अदालतों को मंज़ूर नहीं होगी.

ऐसी ख़बरें हैं कि सरकार ऐसे अपराधियों को नो-फ्लाई सूची में डालने और नए कानून लाने पर विचार कर रही है जिनके तहत ऐसे मामलों में पांच साल की जेल का प्रावधान हो.

लेकिन हल जो भी हो ऐसी झूठी धमकियाँ विमान पर यात्रियों डरा देती हैं.

अपना नाम न बताने की शर्त पर एक विमानन सलाहकार ने बताया, “मेरी चाची ने यह पूछने के लिए फोन किया कि क्या इन धमकियों के कारण उन्हें अपनी बुक की गई उड़ान पर जाना चाहिए? उन्होंने पूछा कि ‘क्या मुझे ट्रेन लेनी चाहिए?’, मैंने फ़्लाइट लेने की सलाह दी.

ये धमकियां कोरी ही सहीं लेकिन इनके कारण लोगों को भारी परेशानी हो रही है और उड़ान भरने के लेकर एक डर सा समा रहा है.

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