ये नॉटआउट कैसे? जानकर दिमाग घूम जाएगा!
न्यूजीलैंड और श्रीलंका के बीच पहला वनडे मैच ईडन पार्क, ऑकलैंड में खेला गया. ये मैच न्यूजीलैंड ने 198 रन के बड़े मार्जिन से जीता. हालांकि, इस मैच में एक ऐसी चीज़ देखने को मिली, जिससे प्लेयर्स और फै़न्स, दोनों बौखला गए! ‘हाय तौबा, ऐसा भी होता है’ वाला मोमेंट था.
न्यूजीलैंड ने पहले बैटिंग कर 274 रन बनाए. श्रीलंका ने किवी टीम को तीन बॉल रहते ऑलआउट किया. इसके बाद श्रीलंका की बारी आई. इनकी पारी शुरू होते ही ख़त्म हो गई. ख़ैर, मैच में क्या हुआ, ये बाद में बताएंगे. पहले उस घटना के बारे में जान लीजिए.
#क्या है पूरा मामला?
ये ‘घटना’ श्रीलंका की पारी के दौरान हुआ. 18वें ओवर में ब्लेयर टिकनर के हाथ में बॉल थी. क्रीज़ पर चमिका करुनारत्ने थे. ओवर की चौथी बॉल. मिडल स्टंप पर लेंथ डिलेवरी. बल्लेबाज़ों ने एक रन तो ले लिया, और फिर दूसरे के लिए भी दौड़ गए. पर दूसरा रन था नहीं. फील्ड ने बॉल उठाई और बॉलर की एंड पर फेंका.
बॉलर ने आसानी से बेल्स चटका दिए. प्लेयर आउट था. साफ़ दिख रहा था. पर फिर प्लेयर आउट क्यों नहीं हुआ? बॉल प्लेयर के हाथ से छूट गई थी नहीं. बॉल हाथ में ही थी. नो बॉल? नो बॉल पर रनआउट होता है भाई. फिर क्या?
दरअसल विकेट की गिल्ली की बैटरी ख़त्म हो गई थी. तो बत्ती जली ही नहीं. बेल्स गिर गई, पर बत्ती नहीं जली. और अंपायर भाई ने उंगली नहीं उठाई, क्योंकि उन्हें कहा गया है कि लाइट ना जले तो आउट नहीं होता. इसके बाद अंपायर साहब ने टटोल कर देखा. बेल्स की लाइट नहीं जली. लॉजिक तो यही कहता है कि आउट दे दिया जाना चाहिए. पर नहीं दिया गया.
ऐसा मामला आपने इससे पहले कभी देखा है? ख़ैर, इस रिहाई से श्रीलंका को कोई फायदा या न्यूजीलैंड को कोई भारी नुकसान नहीं हुआ. 275 का टार्गेट चेज़ कर रही श्रीलंका की पारी 100 का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाई. सिर्फ तीन प्लेयर्स ने 10 या उससे ज्यादा रन्स बनाए. 20 का आंकड़ा किसी ने छुआ तक नहीं.
76 पर ऑलआउट होने वाली श्रीलंकाई टीम अगले मैच में ऐसे प्रदर्शन को बदलना चाहेगी. तीन मैच की सीरीज़ का दूसरा वनडे मुकाबला 28 मार्च को खेला जाना है.