टूट गया अमेरिका का सब्र, सहयोगी देशों के साथ मिलकर हूतियों पर किया भीषण हमला
इजरायल और हमास के बीच गाजा पट्टी में जारी जंग के दौरान यमन के हूती विद्रोहियों कई देशों को परेशान कर दिया है। हूतियों की ओर से लगातार मिसाईल हमले हो रहे हैं और कई देशों के जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में आखिरकार अमेरिका का सब्र टूट गया है और उसने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यालय की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक, हूतियों के कई ठिकानों पर भीषण हमला किया गया है।
इन देशों का मिला साथ
जो बाइडेन के निर्देश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने यूनाइटेड किंगडम के साथ मिलकर और ऑस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा और नीदरलैंड के समर्थन से यमन में हूतियों के कई ठिकानों पर सफलतापूर्वक हमले किए हैं। इन ठिकानों को हूतियों की ओर से दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्ग की स्वतंत्रता को खतरे में डालने के लिए किया था। हूतियों के कारण व्यापार और नेविगेशन की स्वतंत्रता खतरे में थी।
अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाया था
जो बाइडेन ने अपने बयान में कहा है कि अंतर्राष्ट्रीय वाणिज्यिक शिपिंग पर 27 हमलों में 50 से अधिक देश प्रभावित हुए हैं। समुद्री डकैती के कृत्यों में 20 से अधिक देशों के क्रू को धमकाया गया है या बंधक बना लिया गया है। लाल सागर से बचने के लिए 2,000 से अधिक जहाजों को हजारों मील की दूरी तय करने के लिए मजबूर किया गया है, जिससे उत्पाद शिपिंग समय में कई हफ्तों की देरी हो सकती है। और 9 जनवरी को, हूतियों ने सीधे अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाते हुए अपना अब तक का सबसे बड़ा हमला किया था।
जहाजों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे
बाइडेन ने कहा है कि आज की रक्षात्मक कार्रवाई इस व्यापक राजनयिक अभियान और हूती विद्रोहियों के वाणिज्यिक जहाजों के खिलाफ बढ़ते हमलों के बाद हुई है। ये लक्षित हमले एक स्पष्ट संदेश हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और हमारे साझेदार हमारे कर्मियों पर हमले बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम शत्रुतापूर्ण तत्वों को दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक मार्गों में से एक में नेविगेशन की स्वतंत्रता को खतरे में डालने की अनुमति नहीं देंगे। बाइडेन ने कहा कि मैं अपने लोगों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय वाणिज्य के मुक्त प्रवाह के लिए आवश्यक कदम उठाने में संकोच नहीं करूंगा।