चीन ने अपने पड़ोसियों पर हमेशा बुरी नजर ही डाली है। चीन हमेशा पड़ोसियों की जमीन हड़पने की नीति पर काम करता रहा है। चाहे फिर उसका पड़ोसी ताइवान हो, भारत हो या भूटान और नेपाल। चीन इन सभी देशों की जमीन पर पैनी नजर गड़ाए है। अभी हाल ही में भूटान के एक भूभाग पर चीनी सेना ने जबरन अपना बेस बनाकर कब्जा कर लिया। इससे भूटान परेशान और हताश है। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे पीएम पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को भारत के पांच दिवसीय दौरे पर आएंगे। इस दौरान शेरिंग पीएम मोदी के सामने अपना दर्द बयां कर सकते हैं।
विदेश मंत्रालय (एमईए) ने 14 से 18 मार्च तक भूटान के नेता की यात्रा की घोषणा की और कहा टोबगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बातचीत करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे। भूटान के प्रधानमंत्री का मुंबई जाने का भी कार्यक्रम है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा “भूटान के प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों पक्षों को हमारी अनूठी साझेदारी में प्रगति की समीक्षा करने और भारत और भूटान के बीच दोस्ती और सहयोग के स्थायी संबंधों का विस्तार करने के तरीकों और साधनों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगी।”
भारत-भूटान के रिश्तों को मजबूत करने पर होगी बात
टोबगे के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आएगा, जिसमें उनके कई मंत्रिमंडल के सहयोगी और शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय ने कहा “भारत और भूटान के बीच सभी स्तरों पर विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ पर आधारित मित्रता और सहयोग के अच्छे संबंध हैं।” बयान में कहा गया कि यात्रा के दौरान भूटान के प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे और भारत के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर भी भूटान के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।