दुबईः दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां का चुनाव सबसे अलग होता है। हम बात कर रहे हैं तेल समृद्ध देश कुवैत की….जहां लंबे समय से चल रहे राजनीतिक गतिरोध से उबरने के प्रयास में बीते चार वर्षों के दौरान बृहस्पतिवार को चौथी बार लोगों ने राष्ट्रीय चुनाव में मतदान किया। फारस की खाड़ी के इस देश की निर्वाचित संसद के पास अधिकांश अरब देशों की संसदों की तुलना में अधिक शक्ति है, लेकिन शाही परिवार द्वारा नियुक्त की जाने वाली सरकार के साथ लंबे समय से उसका विवाद चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 में अपने सौतेले भाई की मौत के बाद 83 वर्षीय शेख मेशाल अल अहमद अल जाबेर ने सत्ता संभाली थी। शेख मशाल के सत्ता संभालने के बाद ये पहला चुनाव हैं। एक सांसद द्वारा कथित तौर पर उनका अपमान करने के बाद नए अमीर ने फरवरी में संसद भंग कर दी थी। तब से यहां की राजनीतिक स्थिति डवांडोल चल रही है। यहां की चुनाव प्रक्रिया भी सबसे अलग है।
बिना राजनीतिक दल के होता है चुनाव
कुवैत एक ऐसा मुस्लिम देश है, जहां चुनाव में कोई भी राजनीतिक दल हिस्सा नहीं लेता, क्योंकि यहां कोई भी राजनीतिक दल नहीं है। यहां संसद की 50 सीटों को भरने के लिए मतदाता 200 उम्मीदवारों में से चुनाव करेंगे। घरेलू राजनीतिक विवाद कुवैत को वर्षों से परेशान कर रहे हैं – जिसमें कल्याण प्रणाली में बदलाव भी शामिल है – जिसने शेखशाही को कर्ज लेने से रोक दिया है। अपने तेल भंडार से अपार धन अर्जित करने के बावजूद, सार्वजनिक क्षेत्र के वेतन का भुगतान करने के लिए उसके खजाने में बहुत कम राशि बची है। आगे बढ़ने में विफल रहने के बाद संसद को बार-बार भंग किया गया।