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दो साल से भी अधिक वक्त से जारी युद्ध ख़त्म हो सकता, राष्ट्रपति पुतिन कुछ शर्तो के साथ

रूस : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से भी अधिक वक्त से जारी युद्ध ख़त्म हो सकता है बशर्ते यूक्रेन कुछ बातों पर सहमत हो.शुक्रवार को राजधानी मॉस्को में रूसी राजदूतों की एक बैठक को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि रूस के कब्ज़े वाले इलाक़ों से यूक्रेन के सेना हटाने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध रुकने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.पुतिन ने ये भी कहा है कि शांति वार्ता शुरू होने से पहले यूक्रेन को आधिकारिक तौर पर पश्चिमी मुल्कों के सैन्य गठबंधन नेटो का हिस्सा बनने का अपना सपना भी छोड़ना होगा.पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन को दोनेत्स्क, लुहांस्क, खे़रसोन और ज़ापोरज़िया से अपने सैनिक हटाने होंगे. इन इलाक़ों के कुछ हिस्सों पर रूसी सैनिकों का कब्ज़ा है.पुतिन ने कहा “जितनी जल्दी यूक्रेन ये घोषणा करता है कि वो इन फ़ैसलों के लिए तैयार है, हमारी तरफ से युद्धविराम और शांति वार्ता की शुरुआत के लिए आदेश दिए जाएंगे. सच कहूं को उसी क्षण आदेश दिए जाएंगे.”

यूक्रेन ने क्या दी प्रतिक्रिया?

यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिख़ाइल पोदोल्याक ने पुतिन के इस प्रस्ताव को “पूरी तरह दिखावा” और “सामान्य ज्ञान के लिहाज़ से भी अस्वीकार्य” कहा है.यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की पहले से कहते रहे हैं कि जब तक रूस क्रीमिया समेत यूक्रेन की पूरी ज़मीन से अपने सभी सैनिकों को वापिस नहीं बुला लेता, उसके साथ बातचीत नहीं हो सकती.यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि “पुतिन के लिए ये अजीब है कि जिस व्यक्ति ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यूरोप में सबसे बड़े सैन्य अभियान की योजना बनाई और अपने साथियों के साथ मिलकर जिसे कार्यान्वित किया, वो खुद को शांतिदूत की तरह पेश कर रहे हैं.”स्विट्ज़रलैंड में होगी रूस-यूक्रेन पर चर्चासंभावित युद्धविराम के लिए पुतिन की शर्तें ऐसे वक्त सामने आई हैं जब शनिवार को 90 मुल्कों के प्रतिनिधि स्विट्ज़रलैंड में मुलाक़ात करने वाले हैं.इस सम्मेलन में यूक्रेन के लिए शांति की राह मुद्दे पर चर्चा होनी है.इसमें रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है, हालांकि वोलोदिमीर ज़ेलेन्स्की इसमें शिरकत करने वाले हैं.सम्मेलन में अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस और यूरोप के अन्य देश शामिल होंगे.वहीं चीन ने कहा है कि सम्मेलन में रूस की मौजूदगी के बिना वो इसका हिस्सा नहीं बनेगा.

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