झारखण्ड

विस्थापितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित जमीन की हो रही खरीद-बिक्री

सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के तहत निर्माणाधीन चांडिल डैम से हुए विस्थापितों के पुनर्वास के लिए चिन्हित जमीन की भी अब धड़ल्ले से खरीद-बिक्री होने लगी है. चिलगु पुनर्वास स्थल की जमीन की भी खरीद-बिक्री जोरों पर हो रही है. बताया जा रहा है कि चांडिल थाना क्षेत्र अंतर्गत चिलगु पुनर्वास कॉलोनी में इन दिनों अवैध रूप से जमीन खरीद बिक्री धड़ल्ले से किया जा रहा है. जमीन माफियाओं द्वारा विस्थापितों के श्मशान घाट की जमीन को भी बेचकर उनमें मकान का निर्माण करवाया जा रहा है. वहीं पुनर्वास स्थल की जमीन का संरक्षण करने के जिम्मेदार सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के अधिकारी भी इस मामले में मौन धारण किए हुए हैं.

विस्थापितों के लिए बने है 22 पुनर्वास स्थल

दअरसल, सुवर्णरेखा बहुउद्देश्यीय परियोजना के विस्थापितों के लिए चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के 22 स्थानों पर पुनर्वास स्थल के लिए जमीन आवंटित किया गया है, जहां केवल विस्थापितों को ही जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान है. परियोजना द्वारा जिन विस्थापित परिवारों को विकास पुस्तिका निर्गत किया गया है, उन्हें पुनर्वास की जमीन दी जाती हैं. लेकिन चिलगु पुनर्वास स्थल में गैर विस्थापितों के द्वारा अवैध रूप से जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. जबकि, पुनर्वास नीति के स्पष्ट है कि पुनर्वास की जमीन खरीद बिक्री गैर कानूनी है, जमीन खरीद बिक्री में संलिप्त लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का प्रावधान है. सबसे बड़ी बात है कि इसी क्रम में श्मशान घाट की जमीन पर भी अतिक्रमण किया जा रहा है.

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